
मुंबई क्राइम ब्रांच ने जमानतदारों के जिस रैकेट का भंडाफोड़ किया था, अब उसके तार कोर्ट तक पहुंच गए हैं। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार, हमने दिंडोशी सेशन कोर्ट और काला घोड़ा सेशन कोर्ट-दोनों ही जगह 50-50 ऐसे फर्जी की शिनाख्त की है, जिन्होंने फर्जी श्योरिटी देकर कई आरोपियों को से बाहर निकलवाया। क्राइम ब्रांच ने संबंधित अदालतों को इस संबंध में पत्र भी लिखे हैं और इन फर्जी जमानतदारों से जुड़े केसों की फाइलें मंगवाई हैं। सेशन कोर्ट से जुड़ा यह खुलासा इसलिए सनसनीखेज है, क्योंकि यहां संगीन अपराधों से जुड़े उन केसों के मुकदमे चलते हैं, जिनमें आरोप साबित होने पर सात साल या उससे ऊपर की सजा होती है। सीनियर इंस्पेक्टर विनायक मेर के अनुसार, हमने अब तक 34 केसों में 31 गिरफ्तार किए हैं। यह आंकड़ा सिर्फ क्राइम ब्रांच का है। पुलिस स्टेशनों में दर्ज केसों और आरोपियों की संख्या अलग है। मेर कहते हैं कि क्राइम ब्रांच ने अब तक 353 फर्जी जमानतदारों की शिनाख्त की है। इनमें दिंडोशी और कालाघोड़ा सेशन कोर्ट्स के भी 100 जमानतदार शामिल हैं। इससे पहले क्राइम ब्रांच ने अधिकतर मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट से जुड़े केसों में शामिल फर्जी जमानतदारों को पकड़ा था। जांच टीम के पास अब तक 45 अदालतों के मामले आए हैं। इनमें से 30 में खुद अदालतें ही शिकायकर्ता हैं। शुरुआती दो केसों में क्राइम ब्रांच शिकायतकर्ता थी। बाद में दो केसों में खुद कोर्ट ने क्राइम ब्रांच को एफआईआर दर्ज करने को कहा। अभी भी 11 अदालतों से जुड़े केसों में फैसला नहीं हो पाया है कि शिकायर्ता कौन होगा? क्राइम ब्रांच या अदालतें? इसलिए बनाई गई थी SIT पहले इस केस का इनवेस्टिगेशन सिर्फ क्राइम ब्रांच की यूनिट-वन कर रही थी। फरवरी महीने में जांच के लिए एसआईटी भी बना दी गई। एसीपी रैंक के अधिकारी को इसका चीफ बना दिया गया। तय किया गया मुंबई के सभी 12 जोन में स्थित हर क्राइम ब्रांच यूनिट से एक-एक अधिकारी व तीन-तीन सिपाहियों को इस एसआईटी में रखा जाएगा। ये सभी लोग मुंबई में सभी कोर्ट में जाएंगे और वहां जमानत मिले आरोपियों के जमानतदारों से जुड़े सभी कागजात देखेंगे। दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर जमानतदारों और आरोपियों के बारे में जानकारी निकालेंगे और जिस पुलिस स्टेशन से जुड़े केस होंगे, उन पुलिस स्टेशनों को और संबंधित कोर्ट को इस बारे में सूचित करेंगे। काम के उसी बंटबारे के बाद लगभग रोज ही किसी न किसी केस में फर्जी जमानतदारों के नाम आ रहे हैं। हर फर्जी जमानतदार न्यूनतम 50 हजार रुपये से लेकर अधिकतम 3 से 5 लाख रुपये फर्जी स्योरिटी के बदले में मूल आरोपी से लेता था और फिर कोर्ट में फर्जी दस्तावेज देकर आरोपी को जेल से बाहर निकलवा देता था।
from मुंबई न्यूज़, Mumbai News in Hindi, Latest Mumbai News, मुंबई समाचार https://ift.tt/2KWmzVf
No comments:
Post a Comment