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Saturday, June 20, 2020

खुलने लगा फूल बाजार, खुशबू से हुआ गुलजार

मुंबई कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन को पीछे छोड़ते हुए जिंदगी फिर धीरे-धीरे पटरी पर आने लगी है। 12 महीने फूलों और उसकी खुशबू से गुलजार रहने वाला दादर फूल मार्केट में एक बार फिर रौनक लौट आई है। 25 मार्च को लॉकडाउन के बाद 75 दिन बाद 8 जून को फिर दादर स्थित मीनाताई ठाकरे फूल बाजार और भूलेश्वर स्थित फूल गली से फूलों की खुशबू आने लगी। दादर स्थित फूल मार्केट से फिर रजनीगंधा, चंपा, गेंदा, शेवंती, लिली और मोगरा फूलों की महक आने लगी है। मीनाताई ठाकरे फूल बाजार दादर (पश्चिम) में स्थित है। यह मुंबई का एकमात्र सबसे बड़ा फूल मार्केट है। फूल मार्केट के प्रेसिडेंट मनोज पुंडे ने बताया कि मार्केट खोलने के लिए हमने बीएमसी से निवेदन किया था। बीएमसी से परमिशन मिलने के बाद यहां धीरे-धीरे दुकानदार धंधा शुरू कर रहे हैं। यहां 634 गाले हैं, जिनमें से 25 के करीब खोल रहे हैं। मार्केट फिर खुल गया है। ग्राहक धीरे-धीरे आ रहे हैं। होटल बंद, मंदिर बंद, शादी नहीं हो रही और कोई प्रोग्राम नहीं हो रहा है, इसलिए फूलों की बिक्री कम है। हमें उम्मीद है कि लोकल ट्रेन शुरू होने पर फिर फूलों की मांग बढ़ जाएगी। मुंबई सहित उपनगरों से फूलों का कारोबार करने वाले व्यापारी धीरे-धीरे दादर आने लगे हैं। यहां से मुंबई, ठाणे व वसई-विरार तक फूलों की सप्लाई होती है। बरसात के मौसम व चातुर्मास को छोड़कर इस बाजार से 40 से 50 टैंपो फूल बिक जाते हैं। मार्केट के प्रेजिडेंट कहते हैं कि अब हमें सावन, गणपति, दशहरा और दिवाली जैसे त्यौहारों से उम्मीद है। इस दौरान बड़ी मात्रा में फूल बिकने की उम्मीद है। फूलों के दाम में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई। कोरोना के चलते फूलों का कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। त्योहारों से है उम्मीद व्यापारी असोसिएशन के उपाध्यक्ष आदित्य दुबे कहते हैं कि फूल व्यवसाय से जुड़े करीब सवा लाख लोग प्रभावित हुए हैं, जिसमें फूल व्यवसाइयों के अलावा डेकोरेटर्स, माला बनाने वाले, खुदरा व्यापारी, हमाल, ट्रांसपोर्टर आदि शामिल हैं। यहां बड़ी संख्या में यूपी-बिहार के लोग व्यवसाय व काम करते हैं। वह भी गांव चले गए हैं। अप्रैल व मई में अधिकतर वैवाहिक कार्यक्रम होते हैं, जिनमें द्वार, मंडप से लेकर स्वागत समारोह में सबसे अधिक फूलों की मांग रहती है। लेकिन, इस बार शादी समारोह हुए ही नहीं और बाजार बंद था, इसलिए अब व्यापारियों को आने वाले त्योहारों से बड़ी उम्मीद है। सावन में फिरेंगे दिन सावन का महीना नजदीक है। मुंबई में मंदिरों में चढ़ाने वाला बेलपत्र मेल ट्रेनों से भुसावल, जलगांव और रावेर से आता है। व्यापारियों को उम्मीद है कि सावन में उनके दिन फिरेंगे। दूर-दूर से आते हैं फूल दादर फूल मार्केट में मिलने वाले देशी फूल गेंदा, शेवंती, गुलाब, चंपा, लीली, मोगरा, जूही, बिजली, कागड़ा, कापरी को सांगली, सातारा, नासिक, पुणे, बेंगलुरु, मदुरई, कोयंबटूर, चेन्नै, इंदौर, उज्जैन, लखनऊ, कश्मीर व जयपुर से ट्रेन व विमान से मंगाए जाते हैं। जॉर्बरा, एन्थोरियन, आर्किड, डिलिया, ग्लेडर, केरोनेशन व चायनीज गुलाब जैसे विदेशी फूलों की उपज भी अब देश में ही हो रही है।


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