
डस्ट पलूशन की वजह से दिल्ली-एनसीआर में रहने वालों की सांसें उखड़ रही हैं। लोग खांसी और आंखों में जलन से परेशान हैं। अस्पतालों में अस्थमा के मरीजों की तादाद बढ़ गई है। सबसे ज्यादा खतरा हाल में जन्म लेने वाले बच्चों को है। उनकी श्वास नली में सूजन हो सकती है। धूल के जो कण जो एक बार फेफड़ों में पहुंच जाते हैं वह बाहर निकलते नहीं, वहीं जमा रहते हैं। इससे फेफेड़ों को नुकसान होता है। अगर कोई लंबे समय तक डस्ट पलूशन में रहे तो धूल के कण शरीर के बाकी अंगों पर भी असर डालने लगते हैं। इस खतरनाक पलूशन से बचने के लिए इन जरूरी बातों का ध्यान रखें...
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